चीन और पाकिस्तान की समर्थक, शेख हसीना की प्रमुख विरोधी: खालिदा जिया कौन हैं?

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चीन और पाकिस्तान की समर्थक, शेख हसीना की प्रमुख विरोधी: खालिदा जिया कौन हैं?

चीन और पाकिस्तान की समर्थक, शेख हसीना की प्रमुख विरोधी: खालिदा जिया कौन हैं और क्यों हो सकती हैं बांग्लादेश की अगली पीएम?

Khaleda Zia, जो 2018 से भ्रष्टाचार के आरोप में जेल की सजा काट रही हैं, की रिहाई की संभावना है। बीएनपी की अध्यक्ष बेगम खालिदा जिया को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं कि वे देश की अगली प्रधानमंत्री बन सकती हैं। उनके पति, जिनका कार्यकाल 1977 से 1981 तक बांग्लादेश के राष्ट्रपति के रूप में रहा, ने 1978 में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की स्थापना की।

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HIGHLIGHTS

  1. बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की अध्यक्ष हैं बेगम खालिदा जिया
  2. पति की मौत के बाद बेगम खालिदा जिया ने राजनीति में की एंट्री
  3. उनके पति 1977 से 1981 तक बांग्लादेश के राष्ट्रपति रहे

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली – बांग्लादेश में तख्तापलट के कुछ ही घंटे बाद राष्ट्रपति मुहम्मद शहाबुद्दीन ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया। राष्ट्रपति ने आदेश दिया कि जेल में बंद विपक्षी नेता और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को रिहा किया जाए।

बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की अध्यक्ष बेगम खालिदा जिया की रिहाई के बाद, अटकलें तेज हो गई हैं कि वे देश की अगली प्रधानमंत्री बन सकती हैं। हालांकि, इस पर अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। उल्लेखनीय है कि बीएनपी की विचारधारा कट्टरपंथी मानी जाती है।

पति की मौत के बाद राजनीति में कदम रखा

78 वर्षीय खालिदा जिया, जो शेख हसीना की कट्टर विरोधी मानी जाती हैं, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की अध्यक्ष हैं। उनके पति, जो 1977 से 1981 तक बांग्लादेश के राष्ट्रपति रहे, ने 1978 में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की स्थापना की।

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जब सिर्फ 12 दिनों तक ही चल सकी सरकार-

खालिदा जिया 1996 में बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं, लेकिन उनकी सरकार केवल 12 दिनों तक ही स्थिर रह सकी। अवामी लीग और अन्य प्रमुख विपक्षी दलों ने चुनाव को अनुचित बताया, जिसके बाद एक कार्यवाहक सरकार स्थापित की गई और नए आम चुनाव कराए गए। दोबारा हुए चुनाव में अवामी लीग ने विजय प्राप्त की और शेख हसीना पहली बार प्रधानमंत्री बनीं।

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2001 में सत्ता में वापसी-

साल 2001 के आम चुनाव में खालिदा जिया की पार्टी ने चार दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ा और वे दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने में सफल रहीं। हालांकि, 2006 में खालिदा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया, और एक साल बाद भ्रष्टाचार के आरोप में उन्हें जेल भेजा गया। उन्होंने अपने खिलाफ दायर मामलों को राजनीति से प्रेरित बताया।

बेगमों की लड़ाई-

खालिदा जिया और शेख हसीना के बीच प्रधानमंत्री पद को लेकर पिछले कई दशकों से संघर्ष जारी है, जिसे बांग्लादेश की जनता ‘बेगमों की लड़ाई’ के रूप में जानती है।

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17 साल की सजा सुनाई गई-

साल 2018 में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की अध्यक्ष खालिदा जिया को भ्रष्टाचार के आरोप में 17 साल की सजा सुनाई गई। वे 2018 से जेल में बंद हैं और कई स्वास्थ्य समस्याओं के कारण अक्सर इलाज के लिए विदेश यात्रा करती हैं। वर्तमान में वे अस्पताल में भर्ती हैं।

पाकिस्तान और चीन के प्रति समर्थन-

प्रधानमंत्री रहते हुए खालिदा जिया ने भारत का आधिकारिक दौरा सिर्फ दो बार किया: पहली बार 26 से 28 मई 1992 को और दूसरी बार 20 से 22 मार्च 2006 को। इसके अलावा, अपने दोनों कार्यकाल के दौरान, उन्होंने चार बार पाकिस्तान और दो बार चीन की यात्रा की, जिससे उनके चीन और पाकिस्तान के प्रति समर्थन की झलक मिलती है।

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