भारत के साथ ऐतिहासिक संबंधों वाली अकादमिक से राजनीति में आईं Harini Amarasuriya को मंगलवार को श्रीलंका के 16वें प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया।
Amarasuriya, 2000 के बाद इस पद को संभालने वाली पहली महिला हैं और श्रीलंकाई इतिहास में ऐसा पद ग्रहण करने वाली केवल तीसरी महिला बनीं।
In Short:
श्रीलंका का राजनीतिक परिदृश्य हाल ही में एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच गया है। कुछ महीनों पहले, देश ने एक गंभीर राजनीतिक संकट का सामना किया, जिसे कई लोगों ने “शीत युद्ध” के रूप में वर्णित किया। आर्थिक कठिनाइयों, भ्रष्टाचार और सामाजिक असंतोष ने जनजीवन को प्रभावित किया। अब, Harini Amarasuriya को प्रधानमंत्री और Anura Kumara Dissanayake को राष्ट्रपति बनाकर देश ने एक नई दिशा की ओर कदम बढ़ाया है। उनका लक्ष्य एक पारदर्शी और जिम्मेदार सरकार बनाना है।
2024 की शुरुआत में, श्रीलंका में आर्थिक संकट ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया। देश की मुद्रा गिरने लगी, महंगाई बढ़ गई, और आवश्यक वस्तुओं की कमी ने नागरिकों के जीवन को कठिन बना दिया। सरकार के खिलाफ प्रदर्शन तेज़ हो गए, जिसमें लाखों लोग सड़कों पर उतरे। यह आंदोलन न केवल आम जनता का आक्रोश था, बल्कि यह राजनीतिक अस्थिरता का भी संकेत था। ऐसे में विभिन्न राजनीतिक दलों ने अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए संघर्ष किया।
इस दौरान, विपक्ष ने सरकार की नीतियों की तीखी आलोचना की और लोगों के बीच एक नई चेतना जगाई। युवाओं और छात्रों ने अपने अधिकारों के लिए आवाज़ उठाई, जिससे राजनीतिक बदलाव की आवश्यकता और भी स्पष्ट हो गई। इस संकट में Harini Amarasuriya, जो युवा और प्रगतिशील नेता मानी जाती हैं, एक नई आशा की किरण बनकर उभरीं। उन्होंने समाज में सुधार और जनहित के मुद्दों पर जोर दिया, जिसके कारण उन्हें जनता का समर्थन मिला।
Harini Amarasuriya का भारत से क्या है कन्वेक्शन?
इनका जन्म वर्ष 1970 में कोलंबो में हुआ, जो अब 54 वर्ष की हैं, ने अपना अधिकांश शैक्षणिक जीवन भारत में व्यतीत किया। उन्होंने 1991 से 1994 के बीच दिल्ली विश्वविद्यालय से समाजशास्त्र में स्नातक की डिग्री हासिल की। उन्होंने हिंदू कॉलेज में पढ़ाई की, जो विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों को तैयार करने के लिए जाना जाता है। कॉलेज में उनका समय श्रीलंका में उनके राजनीतिक करियर को आकार देने में महत्वपूर्ण माना जाता है।
उन्होंने विभिन्न गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर मानवाधिकार और विकास के क्षेत्रों में योगदान दिया। उनके काम के कारण उन्हें लोगों के बीच लोकप्रियता मिली, और अंततः उन्होंने एक राजनीतिक पार्टी में शामिल होकर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया।
कुछ महीनों पहले, श्रीलंका में राजनीतिक संकट के दौरान, Harini Amarasuriya ने अपनी प्रभावशाली उपस्थिति के माध्यम से लोगों का समर्थन प्राप्त किया। उन्होंने भ्रष्टाचार और आर्थिक कठिनाइयों के खिलाफ आवाज उठाई। उनके नेतृत्व और दृष्टिकोण के कारण, उन्हें प्रधानमंत्री पद के लिए चुना गया।