Sitaram Yechury का निधन: एक युग का अंत
नई दिल्ली: भारतीय राजनीति के प्रमुख नेता और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सिस्ट) के महासचिव Sitaram Yechury का 12 सितंबर, 2024 को निधन हो गया। वे 80 वर्ष के थे। उनके निधन की खबर से भारतीय राजनीति और समाज में एक गहरा शोक व्याप्त है। उनका जीवन और कार्य भारतीय कम्युनिज़्म की कहानी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है।
Sitaram Yechury का जन्म 12 मार्च 1942 को हुआ था। वे भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण शख्सियत थे जिन्होंने कई दशकों तक वामपंथी राजनीति की दिशा तय की। उनके नेतृत्व में CPI(M) ने कई महत्वपूर्ण राजनीतिक संघर्षों का सामना किया और उन्होंने हमेशा मजदूर वर्ग और समाज के सबसे कमजोर वर्गों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया।
उनकी आत्मकथा “ब्लडी अॅम्फीबीआन्स” (Bloody Amphibians) 2019 में प्रकाशित हुई थी, जिसमें उन्होंने अपने जीवन के उतार-चढ़ाव, राजनीति में उनके अनुभव और उनकी विचारधारा को साझा किया था। आत्मकथा में उन्होंने अपने संघर्ष और भारतीय राजनीति में वामपंथ के स्थान को गहराई से विश्लेषित किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीताराम येचुरी के निधन पर शोक व्यक्त किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सिस्ट) के महासचिव सीताराम येचुरी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने अपने संदेश में कहा, “सीताराम येचुरी का निधन भारतीय राजनीति के लिए एक महत्वपूर्ण क्षति है। उन्होंने भारतीय राजनीति के परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और अपने विचारों से देश की राजनीति को प्रभावित किया।”
मोदी ने आगे कहा, “उनकी राजनीतिक यात्रा और उनके दृष्टिकोण ने भारतीय राजनीति को नई दिशा दी। भले ही हम कई मुद्दों पर असहमत रहे, लेकिन उनके विचारों की गहराई और समर्पण को नकारा नहीं किया जा सकता। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।”
Saddened by the passing away of Shri Sitaram Yechury Ji. He was a leading light of the Left and was known for his ability to connect across the political spectrum. He also made a mark as an effective Parliamentarian. My thoughts are with his family and admirers in this sad hour.… pic.twitter.com/Cp8NYNlwSB
— Narendra Modi (@narendramodi) September 12, 2024
उनके निधन पर भारतीय नेताओं और विभिन्न राजनीतिक दलों ने शोक व्यक्त किया:
विपक्षी नेता ममता बनर्जी ने कहा: “सीताराम येचुरी का निधन भारतीय राजनीति के लिए एक अपूरणीय क्षति है। वे हमेशा समाज के कमजोर वर्गों के पक्षधर रहे और उनके विचार हमेशा प्रासंगिक रहेंगे।”
कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया: “सीताराम येचुरी जी के निधन से भारतीय राजनीति ने एक महत्वपूर्ण आवाज खो दी है। उनकी राजनीति, विचारधारा और समाज के प्रति समर्पण हमें हमेशा प्रेरित करता रहेगा।”
Sitaram Yechury ji was a friend.
A protector of the Idea of India with a deep understanding of our country.
I will miss the long discussions we used to have. My sincere condolences to his family, friends, and followers in this hour of grief. pic.twitter.com/6GUuWdmHFj
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 12, 2024
भाकपा (माले) के नेता दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा: “सिटराम येचुरी का निधन वामपंथी आंदोलन के लिए एक बड़ा नुकसान है। उनकी राजनीतिक यात्रा और संघर्ष हमें हमेशा मार्गदर्शन करते रहेंगे।”
सीपीआई (एम) की केंद्रीय समिति ने बयान जारी किया: “सीताराम येचुरी का निधन हम सभी के लिए गहरा दुखद है। उनके जीवन और कार्य ने भारतीय वामपंथ को नई दिशा दी और उनके विचार हमें हमेशा प्रेरित करेंगे।”
Sitaram Yechury की सोच और उनकी राजनीति का प्रभाव भारतीय समाज पर गहरा रहा है। उनके विचार और संघर्ष ने कई युवा नेताओं को प्रेरित किया और उनके नेतृत्व में CPI(M) ने कई सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उनकी आत्मकथा “ब्लडी अॅम्फीबीआन्स” ने उनके जीवन की कई अनजानी बातें उजागर की हैं। उन्होंने अपनी आत्मकथा में लिखा है,-
“राजनीति केवल सत्ता का खेल नहीं है, बल्कि समाज की वास्तविक समस्याओं को समझने और उनका समाधान खोजने का एक माध्यम है।”
Sitaram Yechury की मृत्यु के साथ भारतीय राजनीति ने एक महत्वपूर्ण विचारक और नेता खो दिया है। उनके योगदान और विचारों को याद करते हुए, उनके समर्थक और राजनीतिक साथी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। उनकी यादें और उनके विचार भारतीय राजनीति में हमेशा जीवित रहेंगे।
Sitaram Yechury के निधन के साथ ही भारतीय वामपंथी राजनीति का एक युग समाप्त हो गया है। उनके विचार, उनकी आत्मकथा, और उनकी राजनीति का प्रभाव आने वाले वर्षों तक महसूस किया जाएगा।
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