तिथि: 2 अगस्त 2024
केदारनाथ में हाल के भूस्खलन ने तीर्थयात्रियों और स्थानीय प्रशासन के लिए गंभीर संकट उत्पन्न कर दिया है। इस प्राकृतिक आपदा ने यात्रा मार्गों को अवरुद्ध कर दिया है और अब भी लगभग 300 तीर्थयात्री फंसे हुए हैं। वहीं, मध्य प्रदेश के 6 जिलों में लगातार बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे व्यापक तबाही मच गई है।
केदारनाथ में भूस्खलन
- भूस्खलन की घटना: केदारनाथ में भारी बारिश के बाद भूस्खलन हुआ, जिसने यात्रा मार्गों को अवरुद्ध कर दिया। इससे तीर्थयात्री और स्थानीय निवासी फंस गए हैं।
- सुरक्षित निकासी: अब तक, 5,000 से अधिक तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है। भारतीय सेना और एनडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में लगी हुई हैं।
- फंसे हुए तीर्थयात्री: लगभग 300 तीर्थयात्री अभी भी फंसे हुए हैं। बचाव दल उन्हें सुरक्षित निकालने के लिए काम कर रहे हैं, लेकिन खराब मौसम और भूस्खलन के कारण चुनौतियां बनी हुई हैं।
- सहमति और सहायता: उत्तराखंड सरकार ने स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए अतिरिक्त संसाधन और कर्मचारियों को तैनात किया है। स्थानीय प्रशासन ने राहत शिविर स्थापित किए हैं और प्रभावित लोगों को आवश्यक सुविधाएँ प्रदान की जा रही हैं।
उत्तराखंड: राहत और बचाव में लगीं 72 टीमें
लैंडस्लाइड से रुद्रप्रयाग में गौरीकुंड से शुरू होने वाले 16 किमी के केदारनाथ ट्रैक घोड़ा पड़ाव, लिनचोली, बड़ी लिनचोली और भीमबली में पूरी तरह नष्ट हो गया है। रामबाड़ा के पास दो पुल भी बह गए। जिला प्रशासन ने दो हेल्पलाइन नंबर – 7579257572 और 01364-233387 और एक आपातकालीन नंबर 112 भी जारी किया है।
मध्य प्रदेश में बाढ़
- बाढ़ की स्थिति: मध्य प्रदेश के 6 जिलों में लगातार बारिश के कारण बाढ़ आ गई है। सड़कों और गांवों में पानी भर गया है, जिससे लोगों को बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
- प्रभावित जिले: बाढ़ से प्रभावित जिलों में कटनी, सतना, उमरिया, शहडोल, होशंगाबाद, और जबलपुर शामिल हैं।
- राहत कार्य: राहत और बचाव कार्य जारी हैं। प्रभावित क्षेत्रों में भोजन, दवाइयाँ और अन्य आवश्यक सामग्री पहुँचाई जा रही है। बचाव दल और स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ स्वयंसेवी संगठनों ने भी राहत कार्य में योगदान दिया है।
- जलस्तर: प्रमुख नदियाँ उफान पर हैं, और अधिकारियों ने लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने के निर्देश दिए हैं।
Highlights
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केदारनाथ में भूस्खलन: 5,000 तीर्थयात्री सुरक्षित निकाले गए, 300 अभी भी फंसे।
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मध्य प्रदेश में बाढ़: 6 जिलों में बाढ़ से तबाही, राहत और बचाव कार्य जारी।
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सरकारी प्रयास: दोनों स्थानों पर राहत और बचाव कार्य के लिए अतिरिक्त संसाधन और कर्मचारी तैनात किए गए हैं।
केदारनाथ और मध्य प्रदेश में प्राकृतिक आपदाएँ गंभीर स्थिति उत्पन्न कर रही हैं। राहत कार्य तेजी से चल रहे हैं, लेकिन परिस्थितियाँ जटिल हैं। प्रभावितों की सुरक्षा और सहायता के लिए सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं, और क्षेत्रीय प्रशासन स्थिति पर लगातार नज़र रखे हुए है। स्थानीय लोगों और तीर्थयात्रियों को सलाह दी जा रही है कि वे स्थिति के अनुसार सुरक्षित स्थानों पर जाएँ और अधिकारियों के निर्देशों का पालन करें।