Gandhi Jayanti: आज देश ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 155वीं जयंती बड़े उत्साह के साथ मनाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी सहित कई प्रमुख नेताओं ने राजघाट जाकर बापू को श्रद्धांजलि दी।
नई दिल्ली: आज का दिन भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। आज, यानी 2 अक्टूबर को, देश के राष्ट्रपिता, जिन्हें हम बापू के नाम से भी जानते हैं, का जन्मदिन मनाया जा रहा है। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। उनका जीवन सत्य, अहिंसा और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों पर आधारित था।
155वीं Gandhi Jayanti के अवसर पर, 2 अक्टूबर को राजघाट पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विपक्षी नेता राहुल गांधी ने श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर राजघाट को श्रद्धालुओं से भरा देखा गया, जहाँ लोग बापू की समाधि पर फूल चढ़ाने और उनकी शिक्षाओं को याद करने के लिए पहुंचे।
प्रधानमंत्री मोदी ने मोदी ने बापू के आदर्शों को आगे बढ़ाने के लिए सभी से एकजुट होने की अपील की और श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा,
“महात्मा गांधी की शिक्षाएँ आज भी हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उनका जीवन हमें सिखाता है कि कैसे हम अपने समाज को और बेहतर बना सकते हैं।”
राहुल गांधी ने भी इस मौके पर बापू की समाधि पर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की, ने कहा, “गांधी जी ने हमें यह सिखाया कि असहमति को सुनना और समझना जरूरी है। हमें उनके विचारों को अपनाते हुए एकजुट होकर आगे बढ़ना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि आज की राजनीति में बापू के विचारों की सबसे अधिक आवश्यकता है, विशेषकर जब देश को विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
राजघाट पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद, मोदी और राहुल गांधी ने कुछ समय एक साथ बिताया, जहाँ उन्होंने गांधी जी के विचारों और उनके योगदान पर चर्चा की। यह दृश्य दर्शाता है कि बापू की जयंती केवल एक राजनीतिक अवसर नहीं, बल्कि एक ऐसा पल है जहाँ सभी को अपने मतभेदों को भुलाकर एकत्र होना चाहिए।
राजघाट पर इस विशेष अवसर पर कई अन्य राजनीतिक दलों के नेता और नागरिक भी उपस्थित थे। विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया, जिसमें बच्चों ने गांधी जी के विचारों पर आधारित नाटक और गीत प्रस्तुत किए। इस आयोजन का उद्देश्य न केवल गांधी जी की याद को ताजा करना था, बल्कि नई पीढ़ी में उनके आदर्शों को संचारित करना भी था।
155वीं Gandhi Jayanti पर विभिन्न राज्यों में भी कार्यक्रम आयोजित किए गए। स्कूलों, कॉलेजों और सामाजिक संगठनों ने बापू के विचारों पर चर्चाएँ, व्याख्यान और सेमिनार आयोजित किए। सोशल मीडिया पर भी #GandhiJayanti और #BapuKeVichar जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे थे, जहाँ युवा पीढ़ी गांधी जी के विचारों को साझा कर रही थी।
155वीं Gandhi Jayanti पर सभी ने एकमत होकर यह संकल्प लिया कि वे गांधी जी के आदर्शों को अपने जीवन में शामिल करेंगे। बापू की शिक्षाओं को अमल में लाने का यह संकल्प आज के समय में और भी अधिक महत्वपूर्ण है, जब समाज में नफरत और विभाजन की भावना बढ़ रही है।
इस तरह, 2 अक्टूबर का यह दिन केवल एक तारीख नहीं है, बल्कि यह एक प्रेरणा का दिन है। बापू की जयंती पर किए गए इन प्रयासों ने न केवल उनकी स्मृति को जीवित रखा, बल्कि समाज को एकजुट करने का भी काम किया। बापू के विचारों को अपने जीवन में उतारने का यह समय है, ताकि हम एक बेहतर और समृद्ध भारत का निर्माण कर सकें।
इस अवसर पर देशभर से बापू की शिक्षाओं पर आधारित कार्यक्रमों की योजना बनाई जा रही है, जिससे युवा पीढ़ी भी गांधी जी के सिद्धांतों को समझ सके और अपने जीवन में उन्हें लागू कर सके।
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