Ernst & Young (EY) की 26 वर्षीय कर्मचारी Anna Sebastian Perayil ने हाल ही में आत्महत्या कर ली, जिससे पूरे देश में शोक और चिंता की लहर फैल गई है।
यह घटना न केवल उसके परिवार को झकझोरने वाली है, बल्कि यह भी दिखाती है कि काम के दबाव और मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी एक गंभीर मुद्दा बन चुका है।
Anna Sebastian Perayil का संक्षिप्त जीवन परिचय
युवति ने अपनी पढ़ाई प्रतिष्ठित संस्थानों से की थी और कुछ महीनों से EY में काम कर रही थी। वह एक मेहनती और समर्पित कर्मचारी थी, जिसके काम की सराहना उसके सहकर्मियों द्वारा की जाती थी। Anna Sebastian Perayil की मुस्कान और सकारात्मक दृष्टिकोण ने उसे सभी का प्रिय बना दिया था। हालांकि, उसकी बाहरी छवि के पीछे एक दुखद सच छिपा था।
पिछले कुछ महीनों से Anna मानसिक तनाव का सामना कर रही थी। काम का अत्यधिक दबाव और लंबे समय तक काम करना उसकी मानसिक स्थिति को खराब कर रहा था।
आत्महत्या का कारण
आत्महत्या की खबर से उसके परिवार और दोस्तों में शोक की लहर दौड़ गई। परिवार के सदस्यों का कहना है कि Anna ने हाल ही में कई बार काम के तनाव और अवसाद के बारे में बात की थी, लेकिन किसी ने गंभीरता से नहीं लिया।
“वह हमेशा खुश रहने वाली थी, लेकिन कुछ समय से वह बहुत चुप रहने लगी थी। हमें नहीं पता था कि वह इतनी परेशान थी,” – एक करीबी मित्र ने कहा।
मानसिक स्वास्थ्य का संकट
इस घटना ने मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे को फिर से उठाया है। विशेषज्ञों का कहना है कि आज के कॉर्पोरेट माहौल में, काम का दबाव युवा पीढ़ी के मानसिक स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है।
डॉक्टर राधिका शर्मा, मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ, ने कहा, “कॉर्पोरेट दबाव के कारण अवसाद और तनाव जैसी समस्याएँ तेजी से बढ़ रही हैं। यह अत्यंत आवश्यक है कि कंपनियाँ अपने कर्मचारियों की भलाई पर ध्यान दें।”
Heartbreaking news from EY Pune – a young CA succumbed to the work pressure and nobody from EY even attended her funeral – this is so appalling and nasty!!! pic.twitter.com/pt8ThUKiNR
— Malavika Rao (@kaay_rao) September 17, 2024
परिवार का दुख
Anna Sebastian Perayil के परिवार ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उसकी मां Anita Augustine ने कहा, “हमने उसे हमेशा खुश रहने के लिए प्रोत्साहित किया, लेकिन शायद हम उसके संघर्ष को समझ नहीं पाए। हमें अपने बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए।”
जागरूकता की आवश्यकता
Anna की आत्महत्या ने समाज में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को रेखांकित किया है। कई संगठनों और सामुदायिक समूहों ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए मानसिक स्वास्थ्य पर जागरूकता फैलाने का संकल्प लिया है।
“हमें अपने दोस्तों और परिवार के साथ संवाद करना चाहिए और उनकी भावनाओं को समझने की कोशिश करनी चाहिए,” – समाजसेवी नेहा सिंह ने कहा।
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EY का बयान
EY India ने Anna की मृत्यु को एक अपूरणीय क्षति बताया।
“हम जुलाई 2024 में Anna Sebastian की दुखद और असामयिक मृत्यु से गहरे दुखी हैं, और हमारी गहरी संवेदनाएँ शोकाकुल परिवार के साथ हैं। Anna 18 मार्च 2024 को पुणे में EY ग्लोबल की सदस्य फर्म एस आर बतलिबोई के ऑडिट टीम का हिस्सा बनीं और उन्होंने चार महीने की छोटी अवधि में काम किया। इस दुखद तरीके से उनकी उज्ज्वल करियर का अंत होना हमारे लिए एक अपूरणीय क्षति है। जबकि परिवार द्वारा अनुभव किए गए नुकसान की भरपाई के लिए कोई उपाय नहीं हो सकता, हमने हमेशा की तरह इस कठिन समय में सभी सहायता प्रदान की है और आगे भी करते रहेंगे,” बयान में कहा गया।
“हम परिवार के पत्राचार को अत्यधिक गंभीरता और विनम्रता से ले रहे हैं। हम सभी कर्मचारियों की भलाई को सर्वोच्च महत्व देते हैं और भारत में EY की सदस्य फर्मों में 1,00,000 लोगों के लिए एक स्वस्थ कार्यस्थल प्रदान करने के तरीकों को खोजते रहेंगे,” कंपनी ने जोड़ा।
Anna की आत्महत्या एक गंभीर समस्या की ओर इशारा करती है। यह हमें याद दिलाती है कि हमें अपने काम और जीवन के बीच संतुलन बनाना चाहिए। कॉर्पोरेट कंपनियों को अपने कर्मचारियों की भलाई के लिए कदम उठाने चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी दुखद घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
इस घटना ने हमें यह सिखाया है कि हमें अपने प्रियजनों की भावनाओं को गंभीरता से लेना चाहिए और उन्हें वह समर्थन प्रदान करना चाहिए जो उन्हें सही रास्ते पर चलने में मदद करे।
“हमें एकजुट होकर इस समस्या का समाधान खोजना होगा,” – एक स्थानीय निवासी ने कहा।
Anna की कहानी एक चेतावनी है कि हमें अपने मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देनी चाहिए और एक सुरक्षित और सहायक वातावरण बनाने की आवश्यकता है।