Delhi AQI Worsens- सांस लेना हुआ 49 सिगरेट्स प्रति दिन के बराबर, विजिबिलिटी 150 मीटर
Delhi AQI Worsens- रविवार को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 500 के पार, प्रदूषण के कारण आपातकालीन स्थिति उत्पन्न हुई
दिल्ली में सांस लेना हुआ 49 सिगरेट्स प्रति दिन के बराबर!
भारत की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति अत्यंत चिंताजनक होती जा रही है। हर वर्ष दिल्ली में प्रदूषण की समस्या गंभीर होती है, लेकिन इस बार स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि इसका स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है।
दिल्ली में वायु प्रदूषण का खतरनाक स्तर
दिल्ली में सोमवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 500 के स्तर को पार कर गया, जो “गंभीर” श्रेणी में आता है।
दिल्ली और उसके आस-पास के क्षेत्रों में विशेष रूप से pm 2.5 और pm 10 के स्तर में काफी वृद्धि हुई है, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक होते हैं। इसके परिणामस्वरूप, दिल्लीवासियों को सांस लेने में कठिनाई और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस संकट के लिए कई कारक जिम्मेदार हैं, जिनमें मुख्य रूप से पराली जलाना, निर्माण गतिविधियाँ, और वाहनों से होने वाला अत्यधिक प्रदूषण शामिल हैं। इस समय हवा में कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, और अन्य हानिकारक गैसों की मात्रा भी सामान्य से कहीं अधिक है, जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न कर रही है।
हरियाणा में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 631 के स्तर तक पहुँच गया है, जो प्रतिदिन 33.25 सिगरेट्स के बराबर प्रदूषण को दर्शाता है। राज्य की वायु गुणवत्ता पर पराली जलाने और वाहनों से होने वाले प्रदूषण का गहरा असर पड़ा है। 18 नवम्बर को हरियाणा में न्यूनतम तापमान 16.55 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 27.56 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है।
गुणवत्ता सूचकांक 273, 10.16 सिगरेट्स के बराबर प्रदूषण उत्तर प्रदेश में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 273 पर पहुँच गया है, जो प्रतिदिन 10.16 सिगरेट्स के बराबर प्रदूषण का संकेत देता है। राज्य में मौसम की स्थिति यह रही कि अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 13 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि आर्द्रता 21 प्रतिशत रही। इसके अलावा, पीएम 2.5 के स्तर 122 µg/m³ तक पहुँचने के कारण वायु गुणवत्ता को गंभीर माना जा रहा है।
पराली जलाने के कारण सबसे अधिक प्रभावित राज्यों में से एक पंजाब में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 233 दर्ज किया गया, जो प्रतिदिन 8.34 सिगरेट्स के बराबर प्रदूषण को दर्शाता है। राज्य में अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि आर्द्रता 18 प्रतिशत रही।
Delhi AQI- सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई
दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अहम सुनवाई की। CJI संजीव खन्ना की पीठ ने प्रदूषण की गंभीरता पर चिंता जताते हुए केंद्र और दिल्ली सरकार से कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया। कोर्ट ने यह भी पूछा कि क्या सरकार ने इस संकट के समाधान के लिए कोई ठोस कदम उठाए हैं और प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए किस तरह की योजनाएं बनाई गई हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण से निपटने के लिए विभिन्न एजेंसियों से रिपोर्ट भी तलब की। कोर्ट ने विशेष रूप से दिल्ली सरकार और केंद्र से यह भी पूछा कि क्या वे पराली जलाने के मुद्दे को गंभीरता से ले रहे हैं और इस पर प्रभावी कार्रवाई कर रहे हैं। अदालत ने राज्य सरकारों से यह भी पूछा कि क्या उन्होंने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त कदम उठाए हैं और क्या उन्हें इसके समाधान के लिए विशेष योजना मिली है।
मंत्री की प्रतिक्रिया
दिल्ली में प्रदूषण पर हालात की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री, भूपेंद्र यादव ने हाल ही में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, “दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर केंद्र सरकार पूरी तरह से जागरूक है और इस संकट से निपटने के लिए हम हर संभव कदम उठा रहे हैं। हम प्रदूषण के स्रोतों को नियंत्रित करने के लिए न केवल दिल्ली सरकार से सहयोग करेंगे, बल्कि राज्य सरकारों और सभी संबंधित एजेंसियों से मिलकर एक सामूहिक रणनीति तैयार करेंगे।”
उन्होंने आगे कहा, “हमारी प्राथमिकता यह है कि प्रदूषण का स्तर जल्द से जल्द सामान्य किया जाए ताकि दिल्लीवासियों को स्वच्छ हवा मिल सके। हम पराली जलाने और प्रदूषण फैलाने वाले अन्य स्रोतों पर सख्त निगरानी रखेंगे।”
दिल्ली सरकार की तैयारी और उपाय
दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण को लेकर कई उपायों की घोषणा की है, जिसमें निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध, भारी वाहनों की आवाजाही पर सीमाएं, और खुले स्थानों पर पराली जलाने को लेकर सख्त नियम शामिल हैं। इसके अलावा, दिल्ली सरकार ने इस वर्ष से विशेष प्रदूषण नियंत्रण उपकरणों की स्थापना और अधिक प्रदूषण मॉनिटरिंग स्टेशनों की शुरुआत की है। हालांकि, पर्यावरणविदों का कहना है कि इन उपायों के बावजूद, अभी भी समस्या का समग्र समाधान नहीं निकला है और समय-समय पर जांच और कार्रवाई की आवश्यकता है।
दिल्ली सरकार ने यह भी घोषणा की कि यदि एयर क्वालिटी में सुधार नहीं होता, तो स्कूलों में छुट्टियाँ और कुछ क्षेत्रों में निर्माण कार्यों पर और भी सख्त पाबंदी लगाने का निर्णय लिया जा सकता है। सरकार ने सभी कोर्पोर्स्ट ऑफिसेस को वर्क फ्रॉम होम काम करने की सलाह दी है|
Delhi AQI- वायु प्रदूषण के प्रभाव
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण का सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है:
- सांस संबंधी समस्याएँ: बढ़ते प्रदूषण के कारण दिल्ली के लोग खांसी, ब्रोन्काइटिस, अस्थमा और अन्य श्वसन संबंधी बीमारियों का सामना कर रहे हैं।
- दिल की स्वास्थ्य समस्याएँ: वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से हृदय रोगों का खतरा बढ़ सकता है, जैसे दिल की धड़कन में अनियमितता और उच्च रक्तदाब।
- आंखों में जलन: प्रदूषित हवा के कारण आंखों में जलन, लालिमा और अन्य समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।
- सांसों की खराब गंध: प्रदूषण के चलते दिल्लीवासी बदबूदार और जहरीली हवा में सांस लेने के लिए मजबूर हैं, जिससे सांस लेने में कठिनाई हो रही है।
- त्वचा पर असर: लंबे समय तक प्रदूषण के संपर्क में रहने से त्वचा में जलन, सूजन और एलर्जी की समस्याएं हो सकती हैं।
- मस्तिष्क पर असर: प्रदूषण के कारण मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है, जिससे मानसिक थकान और चिड़चिड़ापन बढ़ सकता है।
डॉक्टरों की सलाह है की पानी पीने की मात्रा बढ़ाएं इससे फेफड़े स्वस्थ रहेंगे और खून साफ़ होता रहेगा और जितना हो सके घर से न निकलें|
Connect with us on WhatsApp
Connect with us on Telegram
Discover more from News Khoj
Subscribe to get the latest posts sent to your email.
Post Comment