Barmer Tax Fraud: 26 वर्षीय युवक ने 166 करोड़ की Tax चोरी की योजना बनाई, फर्जी दस्तावेजों के जरिए खोलीं तीन कंपनियां, परिवार को लगा कि वह जयपुर में कोचिंग कर रहा है।
जयपुर, 20 सितंबर 2024: एक 26 वर्षीय युवक, वीरेंद्र उर्फ कल्पेश कुमार जो अपने परिवार को यह बताकर जयपुर में कोचिंग कर रहा था, वास्तव में 166 करोड़ रुपये की Tax Fraud का मास्टरमाइंड निकला है। कल्पेश कुमार जयपुर में पूरे दिन कंप्यूटर के काम में व्यस्त रहता था। युवक ने फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से महाराष्ट्र में 3 कंपनियां खोलीं| इन तीन फर्जी कंपनियों के जरिए 54 कंपनियों से व्यापार के झूठे बिल तैयार कर 927 करोड़ का लेन-देन दिखाया और सिर्फ एक से डेढ़ साल में 166 करोड़ रुपये की Tax Fraud की और देश के Tax सिस्टम को ठगने का एक बड़ा जाल बिछाया।
उसने अपने दो साथियों, कृष्ण कुमार और दिनेश कुमार, की मदद से इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया। महाराष्ट्र के पुणे से आई GST खुफिया निदेशालय की टीम ने Barmer से वीरेंद्र उर्फ कल्पेश कुमार और दिनेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। तीसरे आरोपी कृष्ण कुमार की तलाश जारी है। इस बीच, युवक के पिता का कहना है कि उनके बेटे को फंसाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उनका बेटा जयपुर में कोचिंग कर रहा है और वे हर महीने उसकी कोचिंग की फीस देते हैं।
फर्जी कंपनियों का खुलासा
यह मामला तब उजागर हुआ जब आयकर विभाग ने एक गुप्त सूचना के आधार पर युवक के ठिकाने पर छापा मारा। जांच में पता चला कि युवक ने तीन कंपनियों का संचालन किया था, जो केवल कागजों पर ही अस्तित्व में थीं। इन कंपनियों के जरिए उसने लाखों रुपये का व्यवसाय दिखाया, लेकिन वास्तविकता में कोई भी आर्थिक गतिविधि नहीं चल रही थी।
आयकर विभाग के अधिकारी, श्रीमती प्रिया यादव ने कहा, “यह मामला एक साधारण Tax चोरी नहीं है, बल्कि एक सुनियोजित योजना थी। हमने इस युवक के खिलाफ साक्ष्य इकट्ठा किए हैं, जो यह दर्शाते हैं कि उसने जानबूझकर Tax की चोरी की।”
डीजीजीआई ने फर्जी कंपनियों के खिलाफ एक अभियान चला रखा है। अपनी जांच के दौरान, DGGI ने पाया कि तीन फर्में पुणे में तो काम कर रही थीं, लेकिन उनके बिजनेस का असली पता गोवा और महाराष्ट्र के अन्य स्थानों का है। जब DGGI की टीम मेसर्स एसके एंटरप्राइजेज, मेसर्स आरके एंटरप्राइजेज और मेसर्स श्री महालक्ष्मी एंटरप्राइजेज के पते पर पहुंची, तो वहां कोई ऑफिस नहीं मिला। तीनों फर्में केवल कागजों पर ही अस्तित्व में थीं, जिससे जांच एजेंसी सतर्क हो गई।
जांच के दौरान DGGI की पुणे टीम को पता चला कि लगभग 54 फर्जी और बंद हो चुकी फर्मों के नाम पर करोड़ों रुपये के लेन-देन हो रहे हैं। इंटरनेट प्रोटोकॉल डेटा रिकॉर्ड से यह भी स्पष्ट हुआ कि मेसर्स एसके एंटरप्राइजेज और मेसर्स आरके एंटरप्राइजेज एक ही कॉमन आईपी एड्रेस का उपयोग कर रही हैं। इसका मतलब है कि दोनों कंपनियां एक ही कंप्यूटर का सहारा लेकर फर्जी बिल बना रही हैं। टीम ने कंपनियों की बैलेंस शीट की जांच की, जिससे और भी चौंकाने वाले खुलासे हुए।
वीरेंद्र उर्फ कल्पेश कुमार हुआ 13 सितम्बर को गिरफ्तार:
वीरेंद्र को 13 सितंबर को जयपुर से गिरफ्तार किया गया। जांच में पता चला कि एसके एंटरप्राइजेज के मालिक वीरेंद्र कुमार ने कंपनी खोलने के लिए कल्पेश कुमार नाम के किसी व्यक्ति का आधार कार्ड प्रस्तुत किया, जिसमें वीरेंद्र की फोटो लगी थी। आधार कार्ड पर मालिक के रूप में कल्पेश कुमार का नाम लिखा था, जबकि असली धारक वीरेंद्र कुमार ही थे। रिकॉर्ड में जो मोबाइल नंबर मिले, वे राजस्थान के थे, लेकिन वे भी फर्जी तरीके से हासिल किए गए थे। पुणे से आई टीम ने Barmer के मुरटाला गाला निवासी वीरेंद्र उर्फ कल्पेश कुमार (26), पुत्र हेमाराम को 13 सितंबर को जयपुर से गिरफ्तार किया। जांच में यह भी सामने आया कि वीरेंद्र कुमार के यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के खाते से देशभर में ट्रांजेक्शन हुए हैं, जिसके चलते उसे मुख्य आरोपी माना जा रहा है।
इस बीच,Barmer के आरोपी वीरेंद्र कुमार के पिता हेमाराम का कहना है कि उनका बेटा जयपुर में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है। उन्होंने बताया कि उन्होंने बैंक से लोन लेकर एक ट्रैक्टर खरीदा है और उसकी किस्त चुकाने के लिए ट्रैक्टर चलाते हैं। वे हर महीने अपने बेटे के लिए खर्चा भी भेजते हैं। पिता ने यह भी बताया कि वीरेंद्र की शादी 5-6 साल पहले हुई थी।
आयकर विभाग की कार्रवाई ने यह साबित कर दिया है कि देश के Tax सिस्टम को कमजोर समझने वालों के लिए सख्त कानून हैं। यह मामला आगे चलकर अन्य लोगों के लिए भी एक उदाहरण बनेगा, जो अवैध तरीकों से धन कमाने की कोशिश कर रहे हैं। अंततः, ईमानदारी और मेहनत ही असली सफलता की कुंजी हैं।