Adani समूह के स्टॉक्स में 17% तक की गिरावट, Hindenburg के नए आरोपों के बाद
Shilpi
Adani समूह के शेयरों में भारी गिरावट, Hindenburg के नए आरोपों से मचा हड़कंप
नई दिल्ली, 12 अगस्त 2024 –अडानी समूह के शेयरों में पिछले 24 घंटों में भारी गिरावट देखने को मिली है, जो कि हिन्डनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए ताजे आरोपों के कारण हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, अडानी समूह के स्टॉक्स में 17% तक की गिरावट आई है, जिससे निवेशकों के बीच चिंता और बाजार में अस्थिरता बढ़ गई है।
अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर 5.27% गिरकर 3,018.55 रुपये के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गए हैं
संक्षेप में:
हिन्डनबर्ग के आरोपों के बाद अडानी के शेयरों में 17% तक की गिरावट
बीएसई पर अडानी स्टॉक्स में महत्वपूर्ण गिरावट
हिन्डनबर्ग रिपोर्ट ने सेबी अध्यक्ष को अडानी संस्थाओं से जोड़ा
मुख्य बिंदु:
हिन्डनबर्ग के आरोप: हिन्डनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह पर वित्तीय अनियमितताओं, धोखाधड़ी और कृत्रिम तरीके से स्टॉक्स की कीमतें बढ़ाने के आरोप लगाए हैं। इन आरोपों का दावा है कि अडानी समूह की वित्तीय स्थिति और व्यापारिक व्यवहार में गंभीर विसंगतियाँ हैं।
शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव: ताजा रिपोर्ट के बाद अडानी समूह के शेयरों में 17% तक की गिरावट आई है, जिससे निवेशकों की चिंताएँ और बाजार की अस्थिरता बढ़ गई है। इस गिरावट ने अडानी समूह की बाजार पूंजीकरण में भारी कमी की है।
निवेशकों की प्रतिक्रिया: हिन्डनबर्ग के आरोपों के सामने आने के बाद निवेशकों ने अडानी समूह से अपने निवेशों को बाहर निकालना शुरू कर दिया है। कई प्रमुख निवेशक और संस्थाएँ अपने निवेश को पुनः मूल्यांकन करने पर मजबूर हो गई हैं।
अडानी समूह की प्रतिक्रिया: अडानी समूह ने इन आरोपों को पूरी तरह से असत्य और निराधार बताया है। कंपनी ने कहा है कि वह इस मामले में कानूनी कार्रवाई करने पर विचार कर रही है और सभी आरोपों का त्वरित और उचित उत्तर देने के लिए तैयार है।
विशेषज्ञों का कहना है कि हिन्डनबर्ग के आरोपों का असर केवल अडानी समूह पर ही नहीं, बल्कि समग्र भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ सकता है। उन्होंने सुझाव दिया है कि निवेशकों को इस स्थिति पर करीबी नजर रखनी चाहिए और अपनी निवेश रणनीति में सावधानी बरतनी चाहिए।
इस घटनाक्रम ने वित्तीय बाजारों में व्यापक चर्चा और चिंताओं को जन्म दिया है, और यह देखना बाकी है कि अडानी समूह इस संकट का सामना कैसे करेगा और क्या इससे उसकी दीर्घकालिक वित्तीय स्थिति प्रभावित होगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि हिन्डनबर्ग के आरोपों का असर केवल अडानी समूह पर ही नहीं, बल्कि समग्र भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ सकता है। उन्होंने सुझाव दिया है कि निवेशकों को इस स्थिति पर करीबी नजर रखनी चाहिए और अपनी निवेश रणनीति में सावधानी बरतनी चाहिए।
इस घटनाक्रम ने वित्तीय बाजारों में व्यापक चर्चा और चिंताओं को जन्म दिया है, और यह देखना बाकी है कि अडानी समूह इस संकट का सामना कैसे करेगा और क्या इससे उसकी दीर्घकालिक वित्तीय स्थिति प्रभावित होगी।